Sunday, April 10, 2016

महिला यौन उत्पीडन मामलों की जांच के लिए विशाखा समिति बनाने और सुनवाइयों शत-प्रतिशत वीडियो रिकॉर्डिंग कराने की मांग के लिए यूपी सूचना आयुक्तों का पुतला फूंकने 11 अप्रैल को लखनऊ में होगा देश विदेश के समाजसेवियों का जमावड़ा.






लखनऊ/10 अप्रैल 2016/ लगता है कि यूपी के सूचना आयुक्तों की निरंकुश कार्यप्रणाली आरटीआई आवेदकों को रास नहीं आ रही है और आम आदमी के मन में पारदर्शिता के इन रखवालों की पारदर्शिता विरोधी कार्यप्रणाली के प्रति क्षोभ अब सारी हदें पार कर चुका है. शायद यही कारण है कि लखनऊ की आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा द्वारा  उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में महिला यौन-उत्पीडन मामलों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा विशाखा मामले में दिए आदेश के अनुसार महिला यौन-उत्पीडन जांच समिति बनाने और आयोग की सभी कार्यवाहियों की शत-प्रतिशत वीडियो रिकॉर्डिंग कराने,इन रिकॉर्डिंग्स को आईटी एक्ट में प्राविधानित समय तक संरक्षित रखकर किसी भी पक्ष द्वारा मांगे जाने पर उपलब्ध कराने की मांगें बुलंद करने के लिए आने बाले 11 अप्रैल  को गोमती नगर के विभूति खंड में नवनिर्मित आरटीआई भवन में सुनवाई शुरू होने के पहले दिन ही आरटीआई भवन के मुख्य द्वार के सामने यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त समेत सभी सूचना आयुक्तों का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन करने के कार्यक्रम को प्रदेश और देश के साथ-साथ विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है . आयोजकों के अनुसार  विरोध प्रदर्शन के इस कार्यक्रम में अब तक यूपी के विभिन्न जिलों और यूपी से बाहर  के राज्यों हरियाणा,पंजाब,गुजरात,दिल्ली के साथ-साथ भारत से बाहर के लन्दन और ब्यूनस आयर्स अर्जेंटीना से अनेकों व्यक्तियों और संगठनों ने शिरकत करने की हामी भरी है. पुतला दहनकार्यक्रम के आयोजकों ने दावा किया है कि उनके 11 अप्रैल के इस प्रस्तावित कार्यक्रम के चलते ही  यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने 11 अप्रैल को  आरटीआई भवनका उद्घाटन करने से इनकार कर दिया है और अब इस नवनिर्मित आरटीआई भवन का उद्घाटन हुए बिना ही इसमें 11 अप्रैल से सुनवाईयां आरम्भ होने जा रहीं हैं.

बकौल उर्वशी यूपी के अधिकाँश सूचना आयुक्तों पर सुनवाइयों के दौरान आरटीआई आवेदकों का उत्पीडन करने,आरटीआई एक्ट के प्राविधानों से इतरकार्य कर भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ अर्जित करने और सरकार के भ्रष्टाचार को छुपाने के दुरुद्देश्य के  चलते ही आयोग की कार्यवाहियों की वीडियो रिकॉर्डिंग न कराने और सुनवाइयों के दौरान महिला आरटीआई आवेदकों के साथ दुर्व्यवहार करने  के अनेको आरोपों का संज्ञान लेकर ही उन्होंने 11 अप्रैल को गोमती नगर के विभूति खंड में बने आरटीआई भवन के उद्घाटन के दिन ही आरटीआई भवन के मुख्य द्वार के सामने सभी सूचना आयुक्तों का पुतला दहन कर उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में महिला यौन-उत्पीडन मामलों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा विशाखा मामले में दिए आदेश के अनुसार महिला यौन-उत्पीडन जांच समिति बनाने और आयोग की सभी कार्यवाहियों की शत-प्रतिशत वीडियो रिकॉर्डिंग कराने,इन रिकॉर्डिंग्स को आईटी एक्ट में प्राविधानित समय तक संरक्षित रखकर किसी भी पक्ष द्वारा मांगे जाने पर उपलब्ध कराने की मांगें बुलंद करने के लिए विरोध प्रदर्शन के इस कार्यक्रम का आयोजन करने का फैसला किया था.



उर्वशी ने बताया कि उनको कुछ विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि 11 अप्रैल के उनके इस प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम के चलते ही  यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने 11 अप्रैल को  आरटीआई भवनका उद्घाटन करने से इनकार कर दिया है और अब इस नवनिर्मित आरटीआई भवन का उद्घाटन हुए बिना ही इसमें 11 अप्रैल से सुनवाईयां आरम्भ होने जा रहीं हैं. उर्वशी के अनुसार इस दिन सीएम लखनऊ में ही रहेंगे और लखनऊ के केजीएमसी में एक उद्घाटन कार्यक्रम में शिरकत भी करेंगे. उर्वशी ने इसे आरटीआई कार्यकर्ताओं की एकजुटता की नैतिक जीत बताते हुए इस मुद्दे पर वार्ता हेतु सीएम से मिलने का समय मांगने की बात कही है.




उर्वशी ने बताया कि लन्दन से बलराम पाठक,जिनेवा स्विट्ज़रलैंड से डा० अजेशी प्रजापति और अर्जेंटीना से ललित भाटिया इस कार्यक्रम में आ रहे हैं. कार्यक्रम में यूपी के हरदोई,फैजाबाद,बरेली,बाँदा,गोरखपुर,आगरा,मथुरा,पीलीभीत,उन्नाव,लखनऊ,कानपुर के अनेकों व्यक्तिओं और सगठनों के साथ-साथ गुजरात के  सूरत से आकाश मौर्यवंश,अहमदाबाद से दिनेश सगाथिया, सांगरिया से अनुज कुमार पूनिया,पंजाब के चंडीगढ़ से पंकज गोयल और हरियाणा के पानीपत के एक संगठन ने भी कार्यक्रम में शिरकत करने की बात कही है.उर्वशी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के उनके इस प्रस्तावित कार्यक्रम के लिए इस प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय समर्थन से यूपी के सूचना आयुक्तों के प्रति बढता चौतरफा जनाक्रोश स्वतः ही उजागर हो रहा है.


उर्वशी ने बताया कि पुतला दहनके बाद यूपी के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र भेजे जायेंगे और  मांगें पूरी न होने पर अहिंसक रूप से क्रमशः 27 मई 2016 से आरटीआई भवन  में सविनय कार्य बहिष्कारआन्दोलन, 01 जुलाई 2016 से   कार्य रोको आन्दोलन  और 15 अगस्त 2016 को यूपी के सीएम का घेराव कर जेल भरो आन्दोलन चलाया जायेगा ।



भवदीया
उर्वशी शर्मा
मोबाइल 9369613513




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