Tuesday, December 6, 2016

एसएसपी की जांच में फर्जी निकला लखनऊ के तथाकथित पत्रकार महेंद्र अग्रवाल का सोनभद्र के प्रकाशित अखबार कूटचक्र l




















लखनऊ / 06-12-2016

भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक के कार्यालय की वेबसाइट के अनुसार देश में हिंदी भाषा के समाचार पत्र-पत्रिकाओं के 52050 टाइटल पंजीकृत हैं l जहाँ एक तरफ सामाजिक सरोकारों से अपना जुड़ाव रखने वाले सुधी पत्रकार इनमें से अधिकाँश समाचार पत्र-पत्रिकाओं को देश की जनता की आवाज बनाकर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ कहलाने के अपने नाम को सार्थक करने की पुरजोर कोशिश में शिद्दत से लगे हुए हैं और पत्रकारिता के क्षेत्र में शुचिता बनाए रखने के लिए जबरदस्त जद्दोजहत कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कुछ ‘भेंड़ की खाल में छुपे भेड़ियों’ ने फर्जी  समाचार पत्र-पत्रिकाओं के नाम पर सरकारी और प्राइवेट विज्ञापन लेने जैसे अनेकों  गोरखधन्धे और गैरकानूनी काम फैलाकर पत्रकारिता के क्षेत्र को भी बदनामी के दलदल में घसीटने का काम शुरू कर दिया है l  अब लखनऊ की समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री  उर्वशी शर्मा ने एक ऐसे मामले का खुलासा किया है जिसने तथाकथित पत्रकारों द्वारा फर्जी अखबारों को खड़ा करके इन अखबारों के माध्यम से अपराध किये जाने का खुलासा करने के साथ-साथ भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक द्वारा समाचार पत्र-पत्रिकाओं का पंजीकरण करने और भारत सरकार के विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय द्वारा समाचार पत्र-पत्रिकाओं को विज्ञापन आबंटित करने की प्रणाली की ईमानदारी पर प्रश्नचिन्ह लगाकर इन संस्थाओं को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है l

मामला सोनभद्र का है जहाँ से प्रकाशित होने वाले हिंदी साप्ताहिक अखबार कूटचक्र के फर्जी होने की बात एक पुलिस जांच से सामने आई है l बताते चलें कि सोनभद्र के रहने वाले महेंद्र अग्रवाल का यह हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र बाकायदा भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक के कार्यालय से पंजीकृत है l समाचारपत्रों के पंजीयक की वेबसाइट के अनुसार इस अखबार के पब्लिशर,प्रिंटर,एडिटर और ओनर महेंद्र अग्रवाल हैं जिसका पता अनपरा, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश है l यह वेबसाइट सोनभद्र, उत्तर प्रदेश में  कूटचक्र के नाम से एक प्रिंटिंग प्रेस का होना भी बताती है जहाँ इस अखबार की छपाई होनी बताई जाती है l

बकौल उर्वशी जब उनकी जानकारी में आया कि यह समाचार पत्र एक पूरी तरह फर्जी और जेबी अखबार है जिसकी मात्र फाइल कॉपी लखनऊ के रहने वाले में ही महेंद्र अग्रवाल द्वारा लखनऊ में ही छाप ली जाती है और महेंद्र अग्रवाल द्वारा कूटरचित प्रपत्र बनाकर सोनभद्र के फर्जी पते पर इस अखबार का पंजीकरण कराया गया है और फर्जी प्रिंटिंग प्रेस से इसका बड़ी संख्या में छपना दिखाकर सरकारी विज्ञापन लेकर सरकार के साथ धोखाधड़ी तो की ही जा रही है साथ ही साथ  लोगों को ब्लैकमेल करने का अपराध  भी किया जा रहा है तो उन्होंने सूबे के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा शुरू किये गए जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा दी l

उर्वशी की शिकायत पर सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक ने अनपरा थाने द्वारा जो स्थलीय जांच कराई है उसमें यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि सोनभद्र जिले में न तो कूटचक्र नाम के किसी अखबार का कोई कार्यालय है, न प्रिंटिंग प्रेस है, न इस अखबार की कोई छपाई होती है और स्थानीय मीडिया को भी ऐसे किसी भी समाचारपत्र की कोई जानकारी नहीं है l यह जांच आख्या थाना अनपरा जिला सोनभद्र के उपनिरीक्षक विनोद कुमार यादव ने बीते  21 नवम्बर को तैयार की है जिसके आधार पर अब उर्वशी ने महेंद्र अग्रवाल को फ्रॉड बताते हुए सोनभद्र के हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र कूटचक्र को पूरी तरह से फर्जी अखबार बताया है l

बकौल उर्वशी पुलिस जांच से यह प्रमाणित हो गया है कि महेंद्र अग्रवाल ने फर्जीबाड़े से कूटरचित अभिलेखों के आधार पर इस जेबी अखबार का सर्कुलेशन 25500 दिखाकर इस फर्जी अखबार के लिए भारत सरकार के विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय से वित्तीय वर्ष 2015-16 में 3708Rs. के और वित्तीय वर्ष 2016-17 में अब तक 7270Rs. के विज्ञापन हासिल करके सरकार के साथ वित्तीय धोखाधड़ी भी की है l

उर्वशी ने बताया कि उनको बताया गया है कि महेंद्र अग्रवाल द्वारा इस फर्जी अखबार कूटचक्र के नाम पर सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों, प्रतिष्ठानों आदि को ब्लैकमेल कर अपने इस अखबार के लिए विज्ञापन लेने के नाम पर धनउगाही की जाती है और ब्लैकमेलिंग के पैसों से इस शातिर कथित पत्रकार ने न केवल लखनऊ के हजरतगंज जैसे पॉश इलाके में आवास बना रखा है अपितु गोमती पार नए लखनऊ की कई कॉलोनियों में फ्लैट भी ले रखे हैं जिनकी जांच आवश्यक है और इसीलिये उन्होंने  326-A, प्रिंस काम्प्लेक्स, हजरतगंज, लखनऊ निवासी  महेंद्र अग्रवाल के खिलाफ  प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर कठोर विधिक कार्यवाही कराने  और अखबार का पंजीकरण तत्काल समाप्त कर विज्ञापन की धनराशि की बसूली कराने की कार्यवाही कराने के लिए प्रार्थना पत्र पुलिस विभाग और सूचना विभाग के अधिकारियों को प्रेषित कर दिए हैं  l