Friday, August 5, 2016

अजय गुप्ता - डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स,सोसाइटीज एवं चिट्स लखनऊ मंडल द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होकर आपराधिक षड्यंत्र के तहत तात्विक तथ्यों की अनदेखी कर अंतिम की गयी जांच आख्या को शून्यीकृत घोषित कर ईमानदार अधिकारी से जांच कराने और कारित किये गए संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा कर विधिक कार्यवाही कराने के सम्बन्ध में l






सेवा में,                                                                                                                                                                                                                                                                                                                             
रजिस्ट्रार – फर्म्स,सोसाइटीज एवं चिट्स
विकास दीप,स्टेशन रोड,लखनऊ,उत्तर प्रदेश,पिन कोड- 226001

विषय : अजय गुप्ता - डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स,सोसाइटीज एवं चिट्स लखनऊ मंडल द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होकर आपराधिक षड्यंत्र के तहत तात्विक तथ्यों की अनदेखी कर अंतिम की गयी जांच आख्या संख्या 1897(2)/ l -165428 / लखनऊ दिनांक 02-08-2016 को शून्यीकृत घोषित कर किसी ईमानदार अधिकारी से जांच कराने और अजय गुप्ता आदि द्वारा कारित किये गए संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट आई.पी.सी. की सुसंगत धाराओं में दर्ज कर दर्ज करा कर विधिक कार्यवाही कराने के लिए प्रार्थना पत्र का प्रेषण  l

महोदय,
अधोहस्ताक्षरी एक समाजसेविका है और लोकजीवन में पारदर्शिता,जबाबदेही और मानवाधिकार संरक्षण के क्षेत्र में विगत 16 वर्षों से कार्यशील संस्था येश्वर्याज की सचिव है l आपके लखनऊ मंडल के डिप्टी रजिस्ट्रार अजय गुप्ता के द्वारा संस्था की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से प्रभावित भ्रष्ट व्यक्तियों से  घूस खा लेने के चलते इस भ्रष्ट अजय गुप्ता द्वारा संस्था के विरुद्ध की जा रही जांच में संस्था के प्रति पूर्वाग्रही होकर जांच करने विषयक मेरे शिकायती पत्र दिनांक 04-06-16 ( 1 पेज छायाप्रति संलग्न ) के सन्दर्भ से अवगत करना है कि अजय गुप्ता ने लखनऊ निवासी शिकायतकर्ता महेंद्र अग्रवाल और बरेली निवासी प्रेमिसागर ( संस्था के पूर्व सदस्य ) के साथ मिलकर मेरे और मेरी संस्था के खिलाफ एक आपराधिक षड्यंत्र किया है l अजय गुप्ता  ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अधोहस्ताक्षरी को और उसकी   संस्था येश्वर्याज सेवा संस्थान को क्षति कारित करने के दुरुद्देश्य से और मेरी व मेरी संस्था की ख्याति को अपहानि पंहुचाने के आशय से कूटरचित आदेश संख्या 1897(2)/ l -165428 / लखनऊ दिनांक 02-08-2016 जारी किया है l इस आदेश के 3 पेज की छायाप्रति संलग्न है l अजय गुप्ता ने इस आदेश के दूसरे पेज के अंतिम प्रस्तर में लिखा है संस्था के मूल अभिलेख खो जाने के सम्बन्ध में भी संस्था के प्रबंधक/सचिव द्वारा कोई विधिक कार्यवाही नहीं की गई और न ही उनके द्वारा इस सम्बन्ध में सम्बंधित थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज करायी गयी ” l

मैंने दिनांक 02-06-16 को अजय गुप्ता को एक शपथ पत्र ( 1 पेज छायाप्रति संलग्न ) देकर स्पष्ट किया था कि मेरे ग्राम लौंगपुर, तहसील फरीदपुर, जिला बरेली स्थित पैत्रक आवास , जहाँ  संस्था के समस्त अभिलेख रखे थे, पर कुछ लोगों ने अवैध कब्ज़ा कर लिया था जिसका वाद संख्या 32/2015 न्यायालय सिविल जज (जू.डि.) फरीदपुर बरेली में प्रचलित है और घर में चोरी के सम्बन्ध में विधिक कार्यवाही हेतु दिनांक 18-06-15 को एक पत्र बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को मेरे परिवारी जनों द्वारा भेजा गया था l चोरी के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विधिक कार्यवाही हेतु मैंने लखनऊ से एक पत्र दिनांक 26-06-15 ( 2 पेज छायाप्रति संलग्न ) को थाना फरीदपुर के थानाध्यक्ष को पंजीकृत पत्र संख्या F RU025643213IN दिनांक 26-06-15 के माध्यम से और एक पत्र दिनांक 06-07-15 ( 1 पेज छायाप्रति संलग्न ) को बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पंजीकृत पत्र संख्या G RU026714525IN दिनांक 06-07-15 के माध्यम से भेजा था l इन दोनों पत्रों की नोटरी से सत्यापित प्रतियाँ मैंने खुद अजय गुप्ता को 02-06-16 को जांच के दौरान इसके हाथ में दीं थीं l  मेरे पैत्रक आवास में हुई  इस चोरी के सम्बन्ध में मेरे परिवारीजनों द्वारा थाना फरीदपुर में आई.पी.सी. की धारा 323 और 448 के अंतर्गत दर्ज कराए गए प्रकरण अपराध संख्या 0291 दिनांक 06-07-2015 की 3 पेज की छायाप्रति  भी अजय गुप्ता को दी थी l मैंने अजय गुप्ता को यह भी बताया था कि संस्था से सम्बंधित सभी विवरण भारत सरकार की वेबसाइट पर http://ngo.india.gov.in/view_ngo_details.php?ngo_id=yaishwaryaj भी उपलब्ध है और अगर किसी सदस्य को कोई आपत्ति होती तो वह स्वयं सामने आकर शिकायत करता किन्तु ऐसा नहीं हुआ है और मेरे द्वारा लिखाई गयी एक एफ.आई.आर. में जालसाजी के अपराध की चार्जशीट जाने के बाद महेंद्र अग्रवाल द्वारा एक आपराधिक साजिश के तहत प्रेमि सागर से झूठी शिकायत कराई गयी है  किन्तु इस भ्रष्ट अधिकारी ने इस तथ्य का कोई भी संज्ञान नहीं लिया l यही नहीं प्रेमि सागर के शपथ-पत्र में मेरे नाम का कोई भी उल्लेख न होने और शपथ पत्र में भी उसके हस्ताक्षर भिन्न होने पर भी इसने गुप्ता ने जांच आख्या के पेज 2 के चौथे प्रस्तर में मनगढ़ंत और फर्जी रूप से प्रेमि सागर के कथन के रूप में लिखा है उपरोक्त संस्था का सदस्य बनाने का अपराध श्रीमती उर्वशी शर्मा द्वारा किया गया है जो अजय गुप्ता का मेरे और मेरी संस्था संस्था के प्रति पूर्वाग्रही होना सिद्ध करता है l

मेरे पैत्रक आवास में हुई चोरी के सम्बन्ध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हो जाने और आवास पर किये गए कब्जे का मामला न्यायालय में लंबित होने के प्रमाण होने पर भी अजय गुप्ता ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर व्यक्तिगत अभिलाभ प्राप्त करने के लिए ही अपने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अधोहस्ताक्षरी को और उसकी संस्था येश्वर्याज सेवा संस्थान को क्षति कारित करने के दुरुद्देश्य से और मेरी व मेरी संस्था की ख्याति को अपहानि पंहुचाने के आशय से इन सभी तथ्यों की अनदेखी की है और लखनऊ निवासी महेंद्र अग्रवाल और बरेली निवासी प्रेमिसागर ( संस्था के पूर्व सदस्य ) के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र कर कूटरचित आदेश संख्या 1897(2)/ l -165428 / लखनऊ दिनांक 02-08-2016 जारी करने का संज्ञेय अपराध कारित किया है l

यही नहीं, अजय गुप्ता ने आपराधिक और महिला-विरोधी मानसिकता के व्यक्ति महेंद्र अग्रवाल एवं  प्रेम सागर आदि अन्य व्यक्तियों के द्वारा अधोहस्ताक्षरी महिला के निजी जीवन की जासूसी कराने का आपराधिक कृत्य भी किया है l अतः आपसे अनुरोध है कि इस पत्र में वर्णित तथ्यों एवं संलग्नकों के आलोक में भ्रष्ट लोकसेवक अजय गुप्ता - डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स,सोसाइटीज एवं चिट्स लखनऊ मंडल द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होकर आपराधिक षड्यंत्र के तहत तात्विक तथ्यों की अनदेखी कर अंतिम की गयी जांच आख्या संख्या 1897(2)/ l -165428 / लखनऊ दिनांक 02-08-2016 को शून्यीकृत घोषित कर किसी ईमानदार लोकसेवक से जांच कराने और अजय गुप्ता द्वारा कारित किये गए संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट आई.पी.सी. की सुसंगत धाराओं में दर्ज कर दर्ज करा कर विधिक कार्यवाही कराने का कष्ट करें l

संलग्नक : उपरोक्तानुसार संलग्नकों के 08 पेज l

दिनांक :  05-08-16  

प्रतिलिपि : निम्नलिखित को संलग्नकों सहित इस आशय से प्रेषित कि पत्र सम्यक संज्ञान लेकर इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच कराकर अजय गुप्ता को दण्डित करायें एवं इस भ्रष्ट लोकसेवक की और इसके परिवारीजनों की चल-अचल संपत्ति की जांच कराते हुए इसकी सूचना मुझे भी दें :

1-राष्ट्रपति , भारत सरकार , नई दिल्ली  l
2-प्रधान मंत्री ,भारत सरकार , नई दिल्ली  l
3-महामहिम मा० श्री राज्यपाल ,उत्तर प्रदेश शासन ,लखनऊ l   
4-मा० मुख्य मंत्री ,उत्तर प्रदेश शासन ,लखनऊ l   
5- मुख्य सचिव,उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ l 
6- प्रमुख सचिव,नियुक्ति विभाग,उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ l
7-प्रमुख सचिव,गृह विभाग,उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ l
8-पुलिस महानिदेशक,उत्तर प्रदेश पुलिस, लखनऊ l 
9-जिलाधिकारी , जनपद  लखनऊ l  
10- एस.एस.पी. लखनऊ l  

भवदीया

उर्वशी शर्मा )
सचिव-येश्वर्याज
102,नारायण टावर, ऍफ़ ब्लाक ईदगाह के सामने
राजाजीपुरम, लखनऊ,उत्तर प्रदेश,भारत, पिन कोड - 226017    

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