Tuesday, December 1, 2015

देश-विदेश के समाजसेवी 12 दिसम्बर को लखनऊ में प्रदर्शन कर उठाएंगे सबको समान और त्वरित न्याय दिलाने की मांग.

न्यायिक भ्रष्टाचार के खिलाफ 'न्याय यात्रा' निकाल और 'मोमबत्ती जला'
येश्वर्याज की अगुआई में विरोध प्रदर्शन कर न्यायिक पारदर्शिता और
जबाबदेही की मांग करेंगे बिभिन्न सामाजिक संगठन और देश-विदेश के
समाजसेवी.

लखनऊ/02 दिसम्बर 2015/ आने बाले 12 दिसम्बर को देश-विदेश के अनेकों
सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और समाजसेवी न्यायिक भ्रष्टाचार के खिलाफ
यूपी की राजधानी लखनऊ में एकत्र होकर लखनऊ स्थित सामाजिक संगठन
येश्वर्याज सेवा संस्थान की अगुआई में जिलाधिकारी आवास से हजरतगंज जीपीओ
स्थित महात्मा गांधी पार्क तक पैदल मार्च करेंगे और महात्मा गांधी की
प्रतिमा के नीचे मोमबत्ती जलाकर सबको समान और त्वरित न्याय दिलाने की
मांग के लिए सभी न्यायालयों में न्यायिक पारदर्शिता और जबाबदेही स्थापित
करने की अपनी मांगों को बुलंद करेंगे.कार्यक्रम 3 बजे अपराह्न से 5 बजे
अपराह्न तक चलेगा.

येश्वर्याज की सचिव,सामाजिक कार्यकत्री और आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी
शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में येश्वर्याज के साथ दिल्ली की सामाजिक
संस्था फाइट फॉर जुडिशिअल रिफॉर्म्स, प्रेस भारती सिटीजन, गोरखपुर की
परिवर्तन वेलफेयर सोसाइटी, लखनऊ की एस.आर.पी.डी.एम.3एस.,जन जर्नलिस्ट
एसोसिएशन और सोसाइटी फॉर फ़ास्ट जस्टिस लखनऊ भी प्रतिभाग कर रही हैं.
उर्वशी ने बताया कि कार्यक्रम में भारत से बाहर से सऊदी अरब से सुरजीत
कुमार और यूपी के बाहर से आने बाले समाजसेवियों में राजस्थान के हनुमानगढ़
से अनुज कुमार, राजस्थान के पाली से प्रबीन कुमार, राजस्थान के जोधपुर से
जगदीश कुमार श्रीमाली, गुजरात के सूरत से हर्ष छाबड़ा और हर्ष मोरदिया,
असम के गौहाटी से विश्वजीत कलिता,पंजाब के अमृतसर से प्रबोध चन्द्र
बाली, मध्य प्रदेश के ग्वालियर से अमित मिश्र और दिल्ली से सुदेश
सोनकर,कुमार सत्यम,आर.के.त्यागी,ज्योति पाठक और गुलशन पाहुजा कार्यक्रम
में शिरकत करेंगें. इनके अतिरिक्त यूपी के हापुड़ से महावीर वर्मा,बस्ती
से हरीराम शर्मा,झांसी से कपिल तिवारी,बदायूँ से राहुल गुप्ता,सुल्तानपुर
से नीरज तिवारी,वाराणसी से रवि बसाक और नॉएडा से अमित मिश्र लखनऊ आकर इस
कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.


उर्वशी ने बताया कि उन्होंने देश भर के सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों
से अपील की है कि वे सब लखनऊ आकर इस 'त्वरित न्याय संघर्ष यात्रा' को
अपना समर्थन दें और जो लखनऊ न आ सकें वे अपने जिला मुख्यालय पर ऐसी न्याय
यात्रा निकाल कर सबको सामान और त्वरित न्याय की मांग को बुलंद करें. बकौल
उर्वशी उनका प्रयास है कि आने बाले 12 दिसम्बर को भारत के अधिक से अधिक
जिला मुख्यालयों पर न्यायिक भ्रष्टाचार के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन हो.
उर्वशी ने बताया कि समाजसेवी अरुण सेठ ऐसा ही एक प्रदर्शन कर्नाटक में कर
रहे हैं और समाजसेवी शाद उस्मानी ऐसा ही प्रदर्शन यूपी के संभल में कर
रहे हैं.



सामाजिक कार्यकत्री उर्वशी शर्मा का मानना है कि न्यायिक पारदर्शिता न
होने के कारण ही न्यायिक प्रक्रियाओं में भी भ्रष्टाचार गहरे तक घर कर
गया है और इसलिए आज सभी के लिए एकसमान न्याय की बात बेमानी सी हो गयी
है.सलमान खान के केस का हवाला देते हुए उर्वशी ने कहा कि सलमान को लाभ
पंहुचाने के लिए पहले तो इस केस को 13 साल तक लटकाए रखा जाता है और फिर
इसे तीन दिन के भीतर निबटा भी दिया जाता है. उर्वशी ने कहा कि ऐसा इसलिए
हो सका क्योंकि सलमान न्याय को खरीदने में समर्थ हैं जबकि एक आम आदमी, जो
न्याय के लिए भुगतान नहीं कर पाता है वह न्याय पाने में पीछे छूट जाता
है. न्याय व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए उर्वशी ने कहा कि यह कैसी
व्यवस्था है जो जब चाहे तब न्याय में देरी भी कर सकती है और उसमें तेजी
भी ला सकती है. उर्वशी ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से उनका संगठन
उस न्यायिक व्यवस्था के खिलाफ आवाज बुलंद करने को आगे आया है जिसमें
विशिष्ट लोग और अमीर लोग जेल जाने से बच जाते हैं और निर्दोष होने पर भी
गरीब जेलों में पड़े रहते हैं.

बकौल उर्वशी भारतीय संविधान की प्रस्तावना में स्वतंत्रता और समानता से
पहले न्याय को जगह दिया जाना यह स्पष्ट करता है कि संविधान निर्माताओं की
द्रष्टि में एक अपने नागरिकों को न्याय उपलब्ध कराना भारत के लोकतंत्र का
सर्वप्रमुख दायित्व था पर इस संविधान के लागू होने के 65 सालों बाद भी
न्यायिक प्रक्रियाओं में समानता की दिशा में उपलब्धियां कम हं और
चिंताएं अधिक। उर्वशी ने कहा कि न्याय मे देरी और लंबित प्रकरणों की
बढ़ती संख्या के मुद्दों पर चिंता तो सभी व्यक्त करते हैं पर इस समस्या
का हल निकालने की दिशा में किये गए प्रयासों का कोई सार्थक परिणाम अभी तक
सामने नहीं आया है.उर्वशी ने कहा कि न्याय की एक पारदर्शी और जिम्मेदार
प्रणाली विकसित किये बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं है. उर्वशी ने
कहा कि न्यायपालिका स्वायत्तता के नाम पर जवाबदेही से बचती है जो सही
नहीं है.


उर्वशी ने बताया कि कार्यक्रम की अधिक जानकारी हेतु संस्था के हेल्पलाइन
नंबर 8081898081/ 9455553838 ( अंगरेजी और हिंदी ) पर संपर्क कर
कार्यक्रम की अद्यतन जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

उर्वशी ने बताया कि इस न्याय यात्रा और विरोध प्रदर्शन के माध्यम से
न्यायालयों में पारदर्शिता और जबाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अदालती
कार्यवाहियों की विडियो रिकॉर्डिंग कराने, सुप्रीम कोर्ट/हाई कोर्ट/निचली
अदालतों/अपीलीय अदालतों आदि मुक़दमे के निपटान की अधिकतम समय सीमा
निर्धारित करने आदि मांगों को उठाते हुए देश के
राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,मुख्य न्यायधीश और सभी प्रदेशों के
राज्यपालों,मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के न्यायधीशों को ज्ञापन
भेजा जाएगा.

उर्वशी ने सभी सामाजिक संगठनों और समाजसेवियों से अपील की है कि वे इस
कार्यक्रम में शामिल होकर उनके संगठन के इस प्रयास को सफल बनाएं और ई-मेल
rtimahilamanchup@gmail.com और tahririndia@gmail.com पर अपने सुझाव
और मांगपत्रों में सम्मिलित करने हेतु सुझाव भेजने का अनुरोध किया है.
उर्वशी ने सभी से इस कार्यक्रम की अद्यतन जानकारी हेतु इस इवेंट के पेज
https://web.facebook.com/events/967905499949064/ पर क्लिक करने की
अपील भी की है .




--
Urvashi Sharma
Secretary - YAISHWARYAJ SEVA SANSTHAAN
101,Narayan Tower, Opposite F block Idgah
Rajajipuram,Lucknow-226017,Uttar Pradesh,India
Contact 9369613513
Right to Information Helpline 8081898081
Helpline Against Corruption 9455553838


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