लखनऊ में होगा 'मदारी और बंदर' का खेल
Friday, 27 June 2014 10:46
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश
में आरटीआई
कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहे
हमलों और
उत्पीड़न के
खिलाफ 30 जुलाई
को 'नेशनल
व्हिसिलब्लोवर्स डे' पर राजधानी लखनऊ
में देश
के विभिन्न
हिस्सों से
आए आरटीआई
कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों से
जुड़े लोग
नुक्कड़ नाटक
'मदारी और
बंदर' के
माध्यम से
शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। अपनी तरह
के इस
बेहद अलग
प्रदर्शन की
आयोजक और
आरटीआई कार्यकर्ता
उर्वशी शर्मा
ने कहा
कि उत्तर
प्रदेश के
प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा
राजनेताओं के इशारों पर कार्य
करके निर्दोष
जनता को
निरंतर प्रताड़ित
किया जा
रहा है।
प्रदेश में
अनगिनत आरटीआई
कार्यकर्ता या तो मारे जा
रहे हैं
या उनको
भांति-भांति
से प्रताड़ित
किया जा
रहा है।
उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए 'येश्वर्याज सेवा संस्थान' के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाने एवं 'मदारी और बंदर' नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए 'येश्वर्याज सेवा संस्थान' के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाने एवं 'मदारी और बंदर' नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उर्वशी
ने कहा
कि विगत
कुछ वर्षो
में उत्तर
प्रदेश में
कानून के
राज का
निरंतर ह्रास
हुआ है।
प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा
राजनेताओं के इशारों पर कार्य
करके निर्दोष
जनता को
प्रताड़ित करने के मामले आम
हो गए
हैं।
उन्होंने
कहा कि
आज का
प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों
और सत्तासीनों
के अलावा
समाज के
किसी भी
वर्ग के
हित को
संरक्षित रखने
के लिए
बिल्कुल भी
तत्पर नहीं
हैं। सही
मायने में
आज का
प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं
को अपना
मदारी मान
चुका है
और उनके
इशारों पर
बंदर की
तरह नाच
रहा है,
जिसकी परिणति
समाज के
'सचेतकों' की हत्याओं और प्रताड़नाओं
के रूप
में सामने
आ रही
है।
उर्वशी
ने कहा,
"हम प्रशासनिक
और पुलिस
तंत्र को
आईना दिखाएंगे
और उनकी
सो चुकी
अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास
करेंगे।"
इंडो-एशियन न्यूज
सर्विस। Agency: IANS
लखनऊ में होगा
'मदारी और बंदर'
का खेल
लखनऊ। उत्तर
प्रदेश में आरटीआई
कार्यकर्ताओं पर लगातार
हो रहे हमलों
और उत्पीड़न के
खिलाफ 30 जुलाई को
'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे'
पर राजधानी लखनऊ
में देश के
विभिन्न हिस्सों से
आए आरटीआई कार्यकर्ता और
सामाजिक संगठनों से
जुड़े लोग नुक्कड़ नाटक
'मदारी और बंदर'
के माध्यम से
शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।
अपनी
तरह के इस
बेहद अलग प्रदर्शन की
आयोजक और आरटीआई
कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा
ने कहा कि
उत्तर प्रदेश के
प्रशासनिक और पुलिस
अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के
इशारों पर कार्य
करके निर्दोष जनता
को निरंतर प्रताड़ित किया
जा रहा है।
प्रदेश में अनगिनत
आरटीआई कार्यकर्ता या
तो मारे जा
रहे हैं या
उनको भांति-भांति
से प्रताड़ित किया
जा रहा है।
उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए 'येश्वर्याज सेवा संस्थान' के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाने एवं 'मदारी और बंदर' नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए 'येश्वर्याज सेवा संस्थान' के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाने एवं 'मदारी और बंदर' नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उर्वशी ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में उत्तर प्रदेश में कानून के राज का निरंतर ह्रास हुआ है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को प्रताड़ित करने के मामले आम हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों और सत्तासीनों के अलावा समाज के किसी भी वर्ग के हित को संरक्षित रखने के लिए बिल्कुल भी तत्पर नहीं हैं। सही मायने में आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है, जिसकी परिणति समाज के 'सचेतकों' की हत्याओं और प्रताड़नाओं के रूप में सामने आ रही है। उर्वशी ने कहा, "हम प्रशासनिक और पुलिस तंत्र को आईना दिखाएंगे और उनकी सो चुकी अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास करेंगे।"
नेता मदारी, अफसर बंदर, 30 जुलाई को लखनऊ में होगा अनोखा विरोध-प्रदर्शन
dainikbhaskar.com | Jun 28, 2014,
12:41PM IST
लखनऊ. आरटीआई कार्यकर्ताओं ने उत्पीड़न और हमले
के विरोध का नायाब तरीका निकाला है। आने वाली
30 जुलाई को आरटीआई कार्यकर्ता महात्मा गांधी
प्रतिमा के सामने
'मदारी-बदंर' के खेल के जरिए
विरोध-प्रदर्शन करेंगे। इसमें
अफसर बने बंदर
की बागडोर नेता
बने मदारी के हाथों में सौंप
दी जाएगी। यह प्रदर्शन हजरतगंज जीपीओ
के निकट स्थित
महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण ढंग से किया
जाएगा।
इस अनोखे
विरोध प्रदर्शन के बारे में बताते
हुए कार्यक्रम की आयोजक उर्वशी शर्मा
ने बताया कि देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों द्वारा 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में
'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाया
जाएगा। इसमें 'मदारी
और बंदर' के माध्यम से लखनऊ
में प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया
जाएगा। इसमें आम जनता भी अपना
समर्थन दे सकती
है।
उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि यूपी के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी राजनेताओं के इशारों पर निर्दोष जनता
को लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं।
प्रदेश में अनगिनत आरटीआई कार्यकर्ता या तो मारे जा रहे हैं या उनको प्रताड़ित किया जा रहा है। इन हरकतों में प्रशासन और पुलिस
के अधिकारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं।
इस कार्यक्रम को आयोजित करने
के पीछे के उद्देश्य के बारे
में बताते हुए उर्वशी ने कहा कि प्रदेश का प्रशासनिक और पुलिस
तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंधक बंदर की तरह नाच रहा है। इसी का नतीजा समाज के 'व्हिसिलब्लोवर्स' की हत्याओं और उत्पीड़न के रूप में सामने
आ रहा है।
तस्वीर में: मदारी-बंदर के खेल की फाइल फोटो।
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लखनऊ में होगा 'मदारी और बंदर' का खेल
By एजेंसी
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहे हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ 30 जुलाई को 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' पर राजधानी लखनऊ में देश के विभिन्न हिस्सों से आए आरटीआई कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग नुक्कड़ नाटक 'मदारी और बंदर' के माध्यम से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे. अपनी तरह के इस बेहद अलग प्रदर्शन की आयोजक और आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है. प्रदेश में अनगिनत आरटीआई कार्यकर्ता या तो मारे जा रहे हैं या उनको भांति-भांति से प्रताड़ित किया जा रहा है.
उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है. ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए 'येश्वर्याज सेवा संस्थान' के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाने एवं 'मदारी और बंदर' नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है.
उर्वशी ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में उत्तर प्रदेश में कानून के राज का निरंतर ह्रास हुआ है. प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को प्रताड़ित करने के मामले आम हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों और सत्तासीनों के अलावा समाज के किसी भी वर्ग के हित को संरक्षित रखने के लिए बिल्कुल भी तत्पर नहीं हैं. सही मायने में आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है, जिसकी परिणति समाज के 'सचेतकों' की हत्याओं और प्रताड़नाओं के रूप में सामने आ रही है.
उर्वशी ने कहा, "हम प्रशासनिक और पुलिस तंत्र को आईना दिखाएंगे और उनकी सो चुकी अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास करेंगे."
http://hindi.news18.com/news/uttar-pradesh/lucknow/rti-activists-will-play-madari-and-monkey-game-349473.html
न्यूज
#आरटीआई #पुलिस #प्रशासन
लखनऊ में होगा 'मदारी और बंदर' का खेल
IANS | Fri Jun 27, 2014 | 08:55 IST
#लखनऊ #उत्तर प्रदेश यूपी में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहे हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ 30 जुलाई को 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' पर लखनऊ में देश के विभिन्न हिस्सों से आए आरटीआई कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग नुक्कड़ नाटक 'मदारी और बंदर' के माध्यम से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।
अपनी तरह के इस बेहद अलग प्रदर्शन की आयोजक और आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रदेश में अनगिनत आरटीआई कार्यकर्ता या तो मारे जा रहे हैं या उनको भांति-भांति से प्रताड़ित किया जा रहा है।
उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए 'येश्वर्याज सेवा संस्थान' के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाने एवं 'मदारी और बंदर' नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उर्वशी ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में प्रदेश में कानून व्यवस्था कमजोर हुई है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर काम करके निर्दोष जनता को प्रताड़ित करने के मामले आम हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों और सत्तासीनों के अलावा समाज के किसी भी वर्ग के हित को संरक्षित रखने के लिए बिल्कुल भी तत्पर नहीं हैं। सही मायने में आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है, जिसकी परिणति समाज के 'सचेतकों' की हत्याओं और प्रताड़नाओं के रूप में सामने आ रही है।
उर्वशी ने कहा, 'हम प्रशासनिक और पुलिस तंत्र को आईना दिखाएंगे और उनकी सो चुकी अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास करेंगे।
लखनऊ में होगा ‘मदारी और बंदर’ का खेल
उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए ‘येश्वर्याज सेवा संस्थान’ के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में ‘नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे’ मनाने एवं ‘मदारी और बंदर’ नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उर्वशी ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में उत्तर प्रदेश में कानून के राज का निरंतर ह्रास हुआ है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को प्रताड़ित करने के मामले आम हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों और सत्तासीनों के अलावा समाज के किसी भी वर्ग के हित को संरक्षित रखने के लिए बिल्कुल भी तत्पर नहीं हैं। सही मायने में आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है, जिसकी परिणति समाज के ‘सचेतकों’ की हत्याओं और प्रताड़नाओं के रूप में सामने आ रही है।
उर्वशी ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में उत्तर प्रदेश में कानून के राज का निरंतर ह्रास हुआ है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को प्रताड़ित करने के मामले आम हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों और सत्तासीनों के अलावा समाज के किसी भी वर्ग के हित को संरक्षित रखने के लिए बिल्कुल भी तत्पर नहीं हैं। सही मायने में आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है, जिसकी परिणति समाज के ‘सचेतकों’ की हत्याओं और प्रताड़नाओं के रूप में सामने आ रही है।
उर्वशी ने कहा, “हम प्रशासनिक और पुलिस तंत्र को आईना दिखाएंगे और उनकी सो चुकी अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास करेंगे।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
लखनऊ में होगा 'मदारी
और बंदर' का खेल
Friday, Jun
27 2014 5:28PM IST
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहे हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ 30 जुलाई
को 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' पर राजधानी लखनऊ में देश के विभिन्न हिस्सों से आए आरटीआई कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों से जुड़े
लोग नुक्कड़ नाटक
'मदारी और बंदर' के माध्यम से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।
अपनी तरह के इस बेहद अलग प्रदर्शन की आयोजक और आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रदेश में अनगिनत आरटीआई कार्यकर्ता या तो मारे जा रहे हैं या उनको भांति-भांति से प्रताड़ित किया जा रहा है।
उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए 'येश्वर्याज सेवा संस्थान' के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाने एवं 'मदारी और बंदर' नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उर्वशी ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में उत्तर प्रदेश में कानून के राज का निरंतर ह्रास हुआ है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को प्रताड़ित करने के मामले आम हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों और सत्तासीनों के अलावा समाज के किसी भी वर्ग के हित को संरक्षित रखने के लिए बिल्कुल भी तत्पर नहीं हैं। सही मायने में आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है, जिसकी परिणति समाज के 'सचेतकों' की हत्याओं और प्रताड़नाओं के रूप में सामने आ रही है।
उर्वशी ने कहा, "हम प्रशासनिक और पुलिस तंत्र को आईना दिखाएंगे और उनकी सो चुकी अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास करेंगे।"
अपनी तरह के इस बेहद अलग प्रदर्शन की आयोजक और आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रदेश में अनगिनत आरटीआई कार्यकर्ता या तो मारे जा रहे हैं या उनको भांति-भांति से प्रताड़ित किया जा रहा है।
उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए 'येश्वर्याज सेवा संस्थान' के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाने एवं 'मदारी और बंदर' नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उर्वशी ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में उत्तर प्रदेश में कानून के राज का निरंतर ह्रास हुआ है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को प्रताड़ित करने के मामले आम हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों और सत्तासीनों के अलावा समाज के किसी भी वर्ग के हित को संरक्षित रखने के लिए बिल्कुल भी तत्पर नहीं हैं। सही मायने में आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है, जिसकी परिणति समाज के 'सचेतकों' की हत्याओं और प्रताड़नाओं के रूप में सामने आ रही है।
उर्वशी ने कहा, "हम प्रशासनिक और पुलिस तंत्र को आईना दिखाएंगे और उनकी सो चुकी अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास करेंगे।"
लखनऊ में होगा "मदारी और बंदर" का खेल
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लखनऊ।
उत्तर
प्रदेश
में
आरटीआई
कार्यकर्ताओं
पर
लगातार
हो
रहे
हमलों
और
उत्पी़डन
के
खिलाफ
30 जुलाई
को
"नेशनल
व्हिसिलब्लोवर्स
डे"
पर
राजधानी
लखनऊ
में
देश
के
विभिन्न
हिस्सों
से
आए
आरटीआई
कार्यकर्ता
और
सामाजिक
संगठनों
से
जु़डे
लोग
नुक्क़ड
नाटक
"मदारी
और
बंदर"
के
माध्यम
से
शांतिपूर्ण
प्रदर्शन
करेंगे।
अपनी
तरह
के
इस
बेहद
अलग
प्रदर्शन
की
आयोजक
और
आरटीआई
कार्यकर्ता
उर्वशी
शर्मा
ने
कहा
कि
उत्तर
प्रदेश
के
प्रशासनिक
और
पुलिस
अधिकारियों
द्वारा
राजनेताओं
के
इशारों
पर
कार्य
करके
निर्दोष
जनता
को
निरंतर
प्रता�़डत
किया
जा
रहा
है।
प्रदेश में अनगिनत आरटीआई कार्यकर्ता या तो मारे जा रहे हैं या उनको भांति-भांति से प्रता�़डत किया जा रहा है। उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऎसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आ�वान करते हुए "येश्वर्याज सेवा संस्थान" के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में "नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे" मनाने एवं "मदारी और बंदर" नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है। उर्वशी ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में उत्तर प्रदेश में कानून के राज का निरंतर ह्रास हुआ है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को प्रता�़डत करने के मामले आम हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों और सत्तासीनों के अलावा समाज के किसी भी वर्ग के हित को संरक्षित रखने के लिए बिल्कुल भी तत्पर नहीं हैं। सही मायने में आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है, जिसकी परिणति समाज के "सचेतकों" की हत्याओं और प्रत़ाडनाओं के रूप में सामने आ रही है। उर्वशी ने कहा, ""हम प्रशासनिक और पुलिस तंत्र को आईना दिखाएंगे और उनकी सो चुकी अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास करेंगे।"
राष्ट्रीय समाचार
लखनऊ में होगा 'मदारी और बंदर' का खेल
5 दरिया न्यूज
लखनऊ , 27 Jun 2014
उत्तर प्रदेश में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहे हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ 30 जुलाई को 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' पर राजधानी लखनऊ में देश के विभिन्न हिस्सों से आए आरटीआई कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग नुक्कड़ नाटक 'मदारी और बंदर' के माध्यम से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। अपनी तरह के इस बेहद अलग प्रदर्शन की आयोजक और आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रदेश में अनगिनत आरटीआई कार्यकर्ता या तो मारे जा रहे हैं या उनको भांति-भांति से प्रताड़ित किया जा रहा है। उर्वशी ने कहा कि निंदनीय कृत्यों में प्रशासन और पुलिस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त है। ऐसे में हमने देश के समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का आह्वान करते हुए 'येश्वर्याज सेवा संस्थान' के बैनर तले 30 जुलाई को राजधानी लखनऊ में 'नेशनल व्हिसिलब्लोवर्स डे' मनाने एवं 'मदारी और बंदर' नाटक के माध्यम से हजरतगंज जीपीओ के निकट स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रतीकात्मक प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
उर्वशी ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में उत्तर प्रदेश में कानून के राज का निरंतर ह्रास हुआ है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा राजनेताओं के इशारों पर कार्य करके निर्दोष जनता को प्रताड़ित करने के मामले आम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र भ्रष्टाचारियों और सत्तासीनों के अलावा समाज के किसी भी वर्ग के हित को संरक्षित रखने के लिए बिल्कुल भी तत्पर नहीं हैं। सही मायने में आज का प्रशासनिक और पुलिस तंत्र राजनेताओं को अपना मदारी मान चुका है और उनके इशारों पर बंदर की तरह नाच रहा है, जिसकी परिणति समाज के 'सचेतकों' की हत्याओं और प्रताड़नाओं के रूप में सामने आ रही है। उर्वशी ने कहा, "हम प्रशासनिक और पुलिस तंत्र को आईना दिखाएंगे और उनकी सो चुकी अंतरात्मा को झकझोरने का प्रयास करेंगे।"
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